Suman_Khalkho

चक्र- स – वप्रभु के शरीर एवं रक्त का पर्व

निर्गमन 24:3-8;इब्रानियों 9:11-15; मारकुस 14:12-18,22-26

ब्रदर सुमन खलखो (भोपाल महाधर्मप्रान्त)


“यह मेरा रक्त है, विधान का रक्त जो बहुतों के लिए बहाया जा रहा है।“ (मारकुस 14:24)

ख्रीस्त में मेरे प्यारे भाइयो और बहनो, आज माता कलीसिया प्रभु येसु के शरीर एवं रक्त का पर्व मानती है। यह पर्व हम लोग पवित्र मिस्सा बलिदान के रूप में प्रत्येक रविवार को मानते हैं। पवित्र मिस्सा बलिदान येसु के पास्का भोज का स्मरणोत्सव है। हम पवित्र यूखरिस्तीय समारोह में येसु के शरीर एवं रक्त को ग्रहण करते हैं। येसु के पवित्र शरीर एवं रक्त के मूल करण को अच्छी तरह समझे बगैर यदि हम इस बलि भोज में शामिल होंगे, तो हमारे मनोविकार हमें अवश्य कोसेंगे। इसलिए 1 कुरिथियों 11: 27, 29 में संत पौलुस कहते हैं, “जो आयोग्य रीति से वह रोटी खाता या प्रभु का प्याला पीता है, वह प्रभु के शरीर और रक्त के विरुद्ध अपराध करता है। जो प्रभु का शरीर पहचाने बिना खाता और पिता है वह अपनी ही दंडाज्ञा खाता और पिता है”।

आज के पहले पाठ में हमने सुना कि पुराने विधान में किस तरह शांति यज्ञ और होम बली चढ़ाया गया। पुराना विधान ईश्वर और मनुष्य के रिश्ते को कायम रखता था। इसलिए इस विधान को पूरा करने के लिए मूसा पशुओं का आधा रक्त वेदी पर छिड़क देते हैं और बाकी बचा हुआ रक्त लोगों पर छिड़का देते हैं जिससे ईश्वर का रिश्ता मनुष्यों से कायम हो जाता है। इन दोनों प्रक्रिया के बीच में लोग कहते हैं, “प्रभु ने जो कुछ कहा है, हम उसके अनुसार चलेंगे और उसका पालन करेंगे।” (निर्गमन 24:7) ।

परन्तु प्रभु येसु स्वयं बलि बनकर नए विधान की स्थापना करते हैं। जैसा कि आज हम दूसरे पाठ में सुनते हैं, “उन्होंने बकरों तथा बछड़ों का नहीं, बल्कि अपना रक्त लेकर सदा के लिए एक ही बार परम पावन स्थान में प्रवेश किया और इस तरह वे हमारे लिए सदा सर्वदा रहने वाला उद्धार प्राप्त किया” (इब्रानियों 9:12)।

यानि हमारे पापों के लिए और ईश्वर के विधान को बनाए रखने के लिए किसी जानवर का नहीं, बल्कि येसू स्वयं जो पूर्ण ईश्वर और पूर्ण मानव है, अपनी बलि देते हैं। जैसा कि लुकस के अनुसार सुसमाचार 23:46 में लिखा है “पिता मैं अपनी आत्मा को तेरे हाथों सौंपता हूँ” ।

इस तरह पुराने विधान में जहाँ आधा रक्त वेदी पर और आधा रक्त लोगों पर छिड़काया जाता था, प्रभु येसु स्वयं ईश्वर और मानव होते हुए अपना रक्त बहा देते है और सुसमाचार में कहते हैं, “यह मेरा रक्त है विधान का रक्त जो बहुतों के लिए बहाया जा रहा है”। (मारकुस 14:24) नए विधान की अनोखी बात यह है कि बहुतों यानि सारी मानवजाति के लिए रक्त बहाया जा रहा है। जैसा कि संत पौलुस कुरून्थियों के नाम दूसरे पत्र 5:15 मैं कहते हैं, “मसीह सब के लिए मरे, जिससे जो जीवित हैं, वह अब से अपने लिए नहीं, बल्कि उनके लिए जीवन बिताए, जो उनके लिए मर गए हैं और जी उठे हैं”।

तो आइये, जब हम ख्रीस्त के शरीर और रक्त का पर्व मना रहे हैं तो इस विधान को हम योग्य रीती से ग्रहण करने का प्रयास करें।