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चक्र- अ – वर्ष का सोलहवाँ इतवार

प्रज्ञा 12:13,16-19; रोमियो 8:26-27; मत्ती 13:24-43

ब्रदर अतिस भुमिज मुंडा (आई.एम.एस)


आज के सुसमाचार मे येसु ने हमारे सामने चार दृष्टांत रखे- जंगली बीच का दृष्टांत, राई के दाने का दृष्टांत, खमीर का दृष्टांत और छिपा हुए खजाने कादृष्टांत।

यह चारों दृष्टांत हमें स्वर्ग राज्य के बारे में बताते हैं। सुसमाचार हमें बताता है कि स्वर्गराज्य उस मनुष्य के सदर्श्य जिसने अपने खेत में अच्छा बीज बोया था। परंतु जब लोग सो रहे थे, तो उसका बैरी आया और जंगली बीज बो कर चला गया। प्यारे भाइयों और बहनों, जब-जब ईश्वर अपने राज्य की स्थापना करना चाहता है, तब-तब शैतान भी अपने राज्य की स्थापना करना चाहता है। ईश्वर हमें जितना ऊपर उठाना चाहता है, शैतान हमारे सामने कुछ बड़ी समस्या उत्पन्न कर हमें नीचे गिराना चाहता है। हम जितना ईश्वर के पास जाना चाहेंगे शैतान की शक्तियां जैसे लोभ, लालच, मोह माया और सांसारिक वस्तुएं हमें ईश्वर से दूर करना चाहती हैं। हम तो पापी मनुष्य हैं, शैतान ने तो येसु की भी परिक्षा ली थी। हम संत मती के सुसमाचार अध्याय चार में पढ़ते है कि किस तरह शैतान ने येसु की परीक्षा ली थी।

जिसे प्रभु प्यार करते हैं, शैतान उसके जीवन में बहुत सारे दुख दर्द लाता है। हम यह योब के जीवन मे देख सकते हैं, जिसके विषय में प्रभु ने शैतान से कहा- पृथ्वी भर में योब के समान कोई नहीं; वह निर्दोष और निष्कपट है, ईश्वर पर श्रद्धा रखता और बुराई से दूर रहता है। उस योब को शैतान ने सिर से पैर तक दर्दनाक फोडों से भर दिया, उसकी पुत्र-पुत्रियों को उनसे दूर कर दिया, उसकी सारी संपत्ति छीन ली और उसको कंगाल बना दिया।

प्रिय भाइयों और बहनों हमारे जीवन में भी बहुत सारे दुख-कष्ट और बीमारी आती है, ऐसे हालात में हमें ईश्वर से दूर नहीं बल्कि और करीब आना है। शैतान हर तरह से हमें ईश्वर की कृपा से दूर करना चाहता है ताकि स्वर्ग राज्य की स्थापना न हो पाए। इसलिए हमें हर घड़ी चाहे सुख हो या दुख, आशावादी बनकर स्वर्ग राज्य के स्थापना के लिए अच्छे-अच्छे कार्य करने की जरूरत है। जिस तरह अच्छे गेहूं के बीज खेत में गिर कर कटनी के दिन तक अच्छी फसल लाते हैं उसी तरह हमारे अंदर जो अच्छाई है उससे हमें सौ गुना फल लाना है। उस खमीर की तरह हमारे अच्छे कामों के द्वारा दूसरों को भी बचाना है। जिस तरह खमीर आटे में मिलकर उससे खराब होने से बचाता है।

हमें ईश्वर में आशा और भरोसा रख कर संसार के हर दुख संकट से लड़कर स्वर्गराज्य की स्थापना करना है। आइए ईश्वर से आशिष माँगें कि ईश्वर के दूत हमें शैतानी आत्माओं से बचाकर शक्ति प्रदान करें, कि हम स्वर्ग राज्य की स्थापना में अपना योगदान दे सकें।