Kapil Dev

चक्र- स – उन्नीसवाँ इतवार

प्रज्ञा 18:6-9; इब्रानियों 11:1-2,18-19; या 11:1-2, 8-12; लूकस 12: 32-48 या 12:35-40

ब्रदर कपिल देव (ग्वालियर धर्मप्रान्त)


आज के पाठों का मर्म विश्वास पर आधारित है। विश्वास एक ऐसी नीव है जिस पर हमारे पूर्वजों ने अपना सारा जीवन प्रभु को समर्पित कर दिया था। उत्पत्ति ग्रंथ 12:1 में हम देखते हैं कि प्रभु अब्राम को अपना देश, अपना कुटुंब और अपने पिता का घर छोड़ देने के लिए कहते हैं। और उत्पत्ति ग्रंथ 22:2 में प्रभु इब्राहीम को अपने इकलौते पुत्र की बलि चढ़ाने का आदेश देते हैं। जब इब्राहीम विश्वास के साथ प्रभु के आदेशों का पालन करते हैं, तो उनका जीवन पूर्ण रूप से बदल जाता है। इसी कारण इब्राहीम विश्वास के पिता कहलाते हैं।

आज के सुसमाचार के द्वारा प्रभु येसु हम से यह कहना चाहते हैं, “अपनी संपत्ति बेच दो और दान कर दो । अपने लिए ऐसी थैलियां तैयार करो, जो कभी छीजती नहीं। स्वर्ग में एक अक्षय पूंजी जमा करो। वहाँ न तो चोर पहुंचता है और न कीड़े खाते हैं; क्योंकि जहां तुम्हारी पूंजी है वही तुम्हारा हृदय भी होगा।”

सांसारिक धन हमारी दुनिया में सबसे बड़ा लालच है; क्योंकि पैसा परिवारों को नष्ट कर सकता है। हम जमीन के एक छोटे-से टुकड़े के लिए अपने भाई के विरुद्ध खड़े हो जाते हैं। परिवार में फूट आ जाती है और परिवार बिखर जाता है। संत पौलुस इस बात पर जोर देते हुए 1तिमथी 4:10 में कहते हैं। “क्योंकि धन का लालच सभी बुराइयों की जड़ है। इसी लालच में पड़कर कई लोग विश्वास के मार्ग से भटक गए और उन्होंने बहुत सी यंत्रणाएं झेली।”

धन का होना गलत बात नहीं है, लेकिन धन का लालच होना बहुत गलत बात है। इसलिए हमें अपनी धन-संपत्ति का सदुपयोग करना चाहिए। प्रभु येसु इस विषय में आज के सुसमाचार संत लुकस 12:33 में कहते हैं, “अपनी संपत्ति बेच दो और दान कर दो । अपने लिए ऐसी थैलियां तैयार करो, जो कभी छीजती नहीं। स्वर्ग में एक अक्षय पूंजी जमा करो।“

दान करने से हमारा धन कम तो हो जाता है लेकिन स्वर्ग में हमारी पूँजी की बढ़ोतरी होती है। इसी सच्चाई को जानकर टोबीत अपने बेटे तोबीयाह को टोबीत के ग्रंथ 4:7-11 में सलाह देते हुए कहते हैं। “बेटा! अपनी सम्पत्ति में से भिक्षादान दोगे और किसी कंगाल की उपेक्षा नहीं करोगे, जिस से ईश्वर भी तुम्हारी उपेक्षा नहीं करे। अपनी सम्पत्ति के अनुसार दान दोगे।यदि तुम्हारे पास बहुत हो, तो अधिक दोगे; यदि तुम्हारे पास कम हो, तो कम देने में नहीं हिचकोगे। तुम्हारा यह दान विपत्ति के दिन तुम्हारे लिए एक अच्छी निधि प्रमाणित होगा; क्योंकि भिक्षादान मृत्यु से बचाता और अन्धकार में प्रवेश करने से रोकता है। हर भिक्षा-दान सर्वोच्च प्रभु की दृष्टि में सर्वोत्तम चढ़ावा है।“संत लुकस 16: 9 में कहते हैं, “मैं तुम लोगों से कहता हूँ, झूठे धन से अपने लिए मित्र बना लो, जिससे उसके समाप्त हो जाने पर वे परलोक में तुम्हारा स्वागत करें।”

सांसारिक धन एक मोह माया है। यह एक ऐसी मोह माया है, जो हमको अंधा कर देती है। यह हमको इस कदर अंधा बना देती है कि हमारी अच्छाई और बुराई को परखने की क्षमता को बंद कर देती है और हममें “मेरा” और “मैं” का अहंकार पैदा कर देती है। हमें लगता है कि इस धन से सांसारिक जीवन में हम सब कुछ प्राप्त कर सकते हैं। हमारे पास गाड़ी-बंगला, नौकर-चाकर और सारी सांसारिक सुविधाएं होंगी, परंतु हमारे पास अपने प्राणों का मूल्य नहीं होगा। हम कमाते-कमाते मृत्यु को प्राप्त हो जाएंगे परंतु हमारे पास स्वर्गीय पूँजी नहीं होगी।

ख्रीस्त में, मेरे प्यारे भाइयो और बहनो, स्वर्गिक खाते में पूँजी प्राप्त करने के लिए, हमें आज से हर दिन प्रभु येसु के नाम में कम से कम एक छोटा-सा पुण्य का कार्य करना चाहिए। हमें एक सच्चे पड़ोसी की तरह अपनी धन-संपत्ति में से, अपने बेसहारे भाई-बहनों की मदद करना, भूखे को खाना खिलाना, प्यासे को पानी पिलाना, विशेष रुप से अपने माता-पिता की सेवा करना और उनका आदर सम्मान करके उनके आशीर्वाद के द्वारा अपने लिए स्वर्ग में अक्षय पूँजी जमा करना चाहिए। वहाँ न तो चोर पहुंचता है और न कीड़े खाते हैं। आईए हम प्रभु येसु से विनती करें कि वे हमें धन का सदुपयोग करने के लिए आशीष दे।